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Chandrayaan 2 Facts in Hindi चंद्रयान 2 से जुड़ी 20 रोचक तथ्य।

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नमस्कार, चंद्रयान 2 दस सालो का वैज्ञानिक मेहनत और अनुसन्धान का नतीजा है। अगर सब कुछ सही तरीके से हो जाता तो भारत चन्द्रमा के दक्षिणी सतह पे उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाता। मगर अफशोस ऐसा हो नहीं पाया। विक्रम लैंडर का चन्द्रमा के सतह पे लेंडिंग करने से पहले ही संपर्क टूट गया।

और भारत इतिहास रचने से चूक गया। आपको जानकारी के लिए बता दे भारत इससे पहले 2008 मे चंद्रयान 1 को चन्द्रमा पर भेज चूका है! जो सफल भी हुआ था ! लेकिन आखिर क्या हुआ था लैंडर विक्रम के साथ जिसके कारन भारत सफलता से अछूता रह गया! तो चलिए चंद्रयान 2 से जुड़ी रोचक तथ्य को देखते है। 

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Chandrayaan 2 in hindi. चंद्रयान 2 से जुड़ी 20 रोचक तथ्य।

1.चंद्रयान 2 को 22 जुलाई 2019 को Isro यानि की भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन के द्वारा श्री हरिकोटा से लांच किया गया था। आपको जानकारी के लिए बता दे, इस मिसन को 15 जुलाई को ही लॉन्च करना था! लेकिन कुछ तकनिकी खामी के वजह से इसे 22 जुलाई को लॉन्च किया गया !वही इस मिशन में 978 करोड़ रूपए खर्च किये गए थे!

2.चंद्रयान 2 को GSLV 3 के द्वारा भेजा गया था। यह भारत का सबसे ताकतवर लॉन्चर है। इसे बाहुबली के नाम से भी जाना जाता है!

3.आपको जानकारी के लिए बता दे इस मिशन के तहत चाँद के दक्षिणी हिस्से का अध्यन करना था। इस हिस्से में अधिकतर छाँया रहता है!

4. भारत चंद्रयान 2 की मदद से चाँद के दक्षिणी ध्रुव में मनुष्य के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करना चाहता था इसके अलावा इस हिस्से में पानी का भी पता लगाना चाहता था!

5. वही चंद्रयान 2 की वजन की बात की जाये तो इसका वजन 3877 किलो था!

6.जिसमे ऑर्बिटर का वजन 2379 किलोग्राम, विक्रम लैंडर का वजन 1471 किलोग्राम तथा प्रज्ञान रोवर का वजन 27 किलोग्राम है!

7. आपको बता दे प्रज्ञान रोवर 500 मीटर तक चहलकदमी करेगा!

8. क्या आपको पता है चंद्रयान 2 को 2011 में Rassiyan man landar तथा Rover के साथ चाँद पे भेजा जाने वाला था। लेकिन रूस ने अचानक मना कर दिया। जिसके बाद Isro ने खुद के मेहनत से लैंडर बनाया!

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9. चंद्रयान 2 मिशन में एक ऑर्बिटर एक लैंडर विक्रम तथा एक रोवर प्रज्ञान रखा गया था!

10.आपको जानकारी के लिए बता दे लैंडर का नाम महान वैज्ञानिक बिक्रम साराभाई जी पे रखा गया था!

11. आपको जानकारी के लिए बता दे, चन्द्रमा के कक्षा मे प्रवेश से पहले राकेट से ऑर्बिटर अलग हो जायेगा ओर फिर लैंडर विक्रम भी ऑर्बिटर से अलग हो जायेगा और ऑर्बिटर चन्द्रमा के कक्षा मे घूर्णन करने लगेगा तथा लैंडर विक्रम चन्द्रमा के सतह पर सॉफ्ट लेंडिंग की ओर आगे बढ़ जायेगा !

12. क्या आपको पता है ऑर्बिटर चन्द्रमा का फोटो भी भेजा था, जिसको इसरो के द्वारा शेयर किया गया था!

13. आपके मन मे कभी ना कभी कुछ सवाल तो जरूर उठता होगा, आखिर ये काम कैसे करता है ! तो चलिए इसके बारे मे हम बताते है ! प्रज्ञान रोवर में 6 पहिया लगा हुआ था, जो लैंडर विक्रम के लैंडिंग होने के बाद उसमे से निकल के चन्द्रमा के सतह का परीक्षण करता। परीक्षण के बाद रोवर प्रज्ञान विक्रम लैंडर को सुचना पहुँचाता है और विक्रम लैंडर ऑर्बिटर को, ऑर्बिटर 100 किलोमीटर दूर चन्द्रमा के कक्षा मे घूमते रहता है! इसके बाद ऑर्बिटर पृथ्वी पर सुचना पहुंचा देता है !

14. प्रज्ञान रोवर ओर विक्रम लैंडर अगले 14 दिनों तक सक्रिय रहेगा तथा पृथ्वी तक जानकारी पहुंचाएगा

15. वही अगर ऑर्बिटर की बात की जाये तो ये 1 साल तक चन्द्रमा का चक्कर लगाते रहेगा !

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16. लेकिन अफ़सोस ऐसा हो नहीं पाया विक्रम लैंडर चन्द्रमा के सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर दूर था! जब पृथ्वी से संचार टूट गया! इसके साथ ही 10 सालो का मेहनत चकनाचूर हो गया !

17.ऐसा बताया गया, विक्रम लैंडर के सॉफ्ट लेंडिंग के जगह क्रेश लैंडिंग हो गया !

18. लेकिन इस मिसन की खास बात ये है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञानिको के हौसले को नहीं टूटने दिए! जिस समय विक्रम लैंडर चन्द्रमा के सतह पर लेंड करने वाला था, उस समय नरेंद्र मोदी जी भी इसरो के ऑफिस मे ही मौजूद थे, जब उनको पता चला की विक्रम लैंडर का पृथ्वी से संपर्क टूट चूका है, वो तुरंत विज्ञानिको के पास आये ओर हौसला पढ़ाने लगे, वो कहने लगे जिंदगी मे उतार चढाव आते रहता है, आप बस हिम्मत नहीं हारिये!

19.क्या आप जानते है चंद्रयान 2 मिसन का नेतृत्व दो महिला के द्वारा किया गया था जिसका नाम वनिता मुथय्या (प्रोजेक्ट डायरेक्टर) तथा रितु करीधल (मिशन डायरेक्टर) है। आपको जानकारी के लिए बता दे वर्तमान में इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवान जी है।

20. क्या आपको पता है इस लैंडर विक्रम को चन्द्रमा तक पहुँचने मे पुरे 48 दिनों का समय लगा था!

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