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बद्रीनाथ के बारे में 20 रोचक तथ्य | Badrinath facts in hindi

badrinath facts in hindi

बद्रीनाथ के बारे 20 में रोचक तथ्य | Badrinath facts in hindi

1#. भगवान बद्रीनाथ को बद्री विशाल नाम से पुकारते हैं।

2#. बदरीनाथ मंदिर को बदरीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। जो की उत्तराखंड राज्य में चमोली जिले स्थित है।

3#. शास्त्रों में लिखा गया है कि मनुष्य को जीवन में कम से कम एक बार बद्रीनाथ के दर्शन जरूर करने चाहिए।

4#. बद्रीनाथ के पुजारी शंकराचार्य के वंशज होते हैं,जो रावल कहलाते हैं।यह जब तक रावल के पद पर रहते हैं इन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।

5#.  बद्रीनाथ मन्दिर में हिंदू धर्म के देवता विष्णु के एक रूप “बद्रीनारायण” की पूजा होती है। यहाँ उनकी 1 मीटर 3.3 फीट लंबी शालिग्राम से निर्मित मूर्ति है।

6#. मान्यता है कि इसे आदि शंकराचार्य ने 8 वीं शताब्दी में समीपस्थ नारद कुण्ड से निकालकर स्थापित किया था।

7#. मान्‍यता के अनुसार ही बद्रीनाथ दर्शन से पूर्व केदारनाथ के दर्शन किए जाते हैं।

8#. बद्रीनाथ की महिमा का वर्णन स्कंद पुराण, केदारखंड, श्रीमद्‍भागवत आदि में अनेक जगहों पर आता है।

9#. बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु के रूप में बद्रीनाथ को समर्पित है।

10#. जो भी बद्रीनारायण की परिक्रमा करता है, उसे पृथ्वी दान का फल मिलता है।

Amazing facts about badrinath temple in hindi 10-15

11#. बद्रीनाथ मंदिर पर सोने का छत्र और कलश इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने चढ़वाया था।

12#. 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा के बाद यहाँ तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी काम हो गई थी।

13#. बदरीनाथ की ऊंम्चाई है- 1048 फुट, यानी कोई दो मील। एक समय था जब पथ और भी बीहड़ थे।

14#. यह मन्दिर बहुत पुराना है। लिखा हैं मुनियों ने मूर्ति को निकाला। वह सांवली है। उसमें भगवान बदरीनारायण पद्मासन लगाये तप कर रहे है।

15#. हालांकि बद्रीनाथ उत्तर भारत में स्थित है, परन्तु फिर भी मन्दिर के रावल या मुख्य पुजारी परंपरागत रूप से दक्षिण भारतीय राज्य केरल से चुने गए नंबुदिरी ब्राह्मण ही होते हैं।

Badrinath facts in hindi 16-20

16#. बद्रीनाथ धाम चार धामों में से एक है। इस धाम के बारे में यह कहावत है कि ‘जो जाए बदरी , वो ना आए ओदरी’ यानी जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है।

17#.  बद्रीनाथ में भगवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी, इस घटना की याद दिलाता है वह स्थान जिसे आज ब्रह्म कपाल के नाम से जाना जाता है।

18#. बद्रीनाथ मन्दिर की उत्पत्ति के विषय में अनेक मत प्रचलित हैं। कुछ स्रोतों के अनुसार, यह मन्दिर आठवीं शताब्दी तक एक बौद्ध मठ था, जिसे आदि शंकराचार्य ने एक हिन्दू मन्दिर में परिवर्तित कर दिया।

19#. बद्रीनाथ मन्दिर की भौगोलिक अवस्थिति 30.74° उत्तरी अक्षांश तथा 79.88° पूर्वी देशांतर पर है।यह स्थान, उत्तरी भारत में हिमालय की ऊँची पर्वत श्रेणियों के क्षेत्र में बसे भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में है।

20#. बद्रीनाथ के पुजारी शंकराचार्य के वंशज होते हैं, जो रावल कहलाते हैं। यह जब तक रावल के पद पर रहते हैं इन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। रावल के लिए स्त्रियों का स्पर्श भी पाप माना जाता है।

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